एक हँसती हुई

एक हँसती हुई परेशानी, वाह क्या जिन्दगी हमारी है।

न चमन है

न चमन है , न गुल है ,न मौसम-ए-बहार है मेरी भी जिंदगी क्या खूब है – सिर्फ इन्तजार है।

फासला भी ज़रूरी है

फासला भी ज़रूरी है चिराग रोशन करते वक्त तजुर्बा यह हाथ आया हाथ जल जाने के बाद|

अजब चिराग हूँ

अजब चिराग हूँ दिन रात जलता रहता हूँ थक गया हूँ हवा से कहो बुझाये मुझे|

कसम ले लो

कसम ले लो जो महफ़िल में तुम्हे दानिश्ता देखा हो नजर आखिर नजर है बेइरादा उठ गयी होगी ……

चाहते थे जिन्हे

चाहते थे जिन्हे उनका दिल बदल गया समन्दर तो वही गहरा हे पर साहिल बदल गया कतल ऐसा हुआ किस्तो मे मेरा, कभी बदला खंजर तो कभी कातिल बदल गया…

हमने तो बेवफा के

हमने तो बेवफा के भी दिल से वफ़ा किया इसी सादगी को देखकर सबने दगा किया मेरी टिशनगी तो पी गयी हर जख्म के आँसू गर्दिश मे आके हमने अपना घर बना लिया |

उन परिंदो को

उन परिंदो को क़ैद करना मेरी फ़ितरत में नही… जो मेरे पिंजरे में रह कर दूसरो के साथ उधना पसंद करते है…!!!

उसने मुझे एक

उसने मुझे एक बार क्या देखा ।। हमने सौ बार आऐना देखा।।

झाँक रहे है

झाँक रहे है इधर उधर सब, अपने अंदर झांकें कौन , ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां, अपने मन में ताके कौन..

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