न तो धन छुपता है न मोहब्बत , जाहिर हो ही जाता है छुपाते – छुपाते
Category: बेवफा शायरी
हल्की हल्की बातें
जब से तूने हल्की हल्की बातें की हैं…. तबियत भारी भारी सी रहती है……
रूक गया है
रूक गया है आसमां मेँ चाँद चलते चलते . . . . तुमको अब छत से उतरना चाहिए . . . .
पाँव लटका के
पाँव लटका के दुनिया की तरफ . . . . आओ बैठे किसी सितारे पर . . . .
हंसने पे भी
हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |
मेरी हर एक अदा में
मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तमन्ना, तुम ने महसुस ना की ये और बात है, मैने हर दम तेरे ही ख्वाब देखें, मुझे ताबीर ना मिली ये और बात है, मैने जब भी तुझ से बात करनी चाही, मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात है, कुदरत ने लिखा था मुझको तेरी… Continue reading मेरी हर एक अदा में
तकाज़ा मौत का
तकाज़ा मौत का है और मैं हूँ। बुजुर्गों की दुआ है और मैं हूँ॥ उधर दुनिया है और दुनिया के बंदे। इधर मेरा खुदा है और मैं हूँ॥
क्यूँ न कुछ इस तरह
क्यूँ न कुछ इस तरह ये ज़िंदगी हो जाए मैं हर्फ़ हो जाऊँ और तू लफ्ज़ बनकर मुझमें उतर जाए !
चल चल के थक गया है
चल चल के थक गया है कि मंज़िल नहीं कोई, क्यूँ वक़्त एक मोड़ पे ठहरा हुआ सा है…
एक मुनासिब सा
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा.., रोज़ ज़िन्दगी पूछती है रिश्ता तेरा मेरा|