गरीब बाँट लेते है ईमानदारी से अपना हिस्सा अमीरी अक्सर इंसान को बेईमान बना देती है|
Category: बेवफा शायरी
अक्सर रूठ जाते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम असल में उन्ही से रिश्ते गहरे होते हैं…
याद ही नहीं रहता
याद ही नहीं रहता कि लोग छोड़ जाते हैं.आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया.
मुझे सजा मिली..
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली, बन के बेवफा मिली….. इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे, जितनी मुझे सजा मिली..
दिल पर तुमसे भी
जख्म तो हम भी अपने दिल पर तुमसे भी गहरे रखते हैं,… पर हम अपने जख्मों पर मुस्कुराहटों के पहरे रखते है..!!
दोनों हाथों से
दोनों हाथों से लूटती है हमें , कितनी ज़ालिम है तेरी अंगड़ाई…!
मजबूर ना करेंगे
मजबूर ना करेंगे तुझे, वादे निभाने के लिए…. तू एक बार वापस आ,अपनीयादें ले जाने के लिए….!
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब के कुछ पन्ने होते है, कुछ अपने, कुछ बेगाने होते है, प्यार से सँवर जाती है ज़िंदगी, बस प्यार से रिश्ते निभाने होते है|
लफ्ज लफ्ज जोड़कर
लफ्ज लफ्ज जोड़कर बात कर पाता हूं उसपे कहते हैं वो कि, मैं बात बनाता हूं….
हाथों की लकीरों से
अपने हाथों की लकीरों से ना निकल मुझे.! बड़ी शिद्दत से मैने तेरी इबादत की है.!!