छोड़ा हाथ उसने

छोड़ा हाथ उसने सरे-राह बस ये कहते हुये, . घर मे बरकत नहीं होती पुरानी चीज़ों के रहते हुये…

इस जिद का नतीजा

न जाने इस जिद का नतीजा क्या होगा, समझता दिल भी नहीं मै भी नहीं और तुम भी नही…

कौन कहता है

कौन कहता है आईना झूठ नहीं बोलता… वह सिर्फ होठो की मुस्कान देखता है… दिल का दर्द नहीं…!!

काश ये दिल

काश ये दिल शीशे का होता.. कम से कम तोड़ने वाले के हाथ मे ज़ख़्म तो होता|

छुपी होती है

छुपी होती है लफ्जों में बातें दिल की…!! लोग शायरी समझ के बस मुस्कुरा देते हैं…!!

जिंदगी जख्मो से भरी हैं

जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो , हारना तो मौत के सामने फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…

कदर कर लो

कदर कर लो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं… दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है..!

याद ही नहीं रहता

याद ही नहीं रहता कि लोग छोड़ जाते हैं. आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया.

कहाँ मांग ली थी

कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा, सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था…!!!

जिनके दिल पे

जिनके दिल पे लगती है चोट वो आँखों से नही रोते. जो अपनो के ना हुए, किसी के नही होते, मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है, की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते….

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