अपनी हालात का

अपनी हालात का ख़ुद अहसास नहीं है मुझको मैंने दोस्तो से सुना है कि परेशान हूं मैं|

वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया…. किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था….

शायद में तुम्हारी

शायद में तुम्हारी वो.. याद बन गई हूँ… जिसे अब तुम याद नही करना चाहते….

ना किया कर

ना किया कर अपने दर्द को शायरी में बयान ऐ दिल….. कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर…….

जुदाई इतनी भी

जुदाई इतनी भी आसान नहीं है…… साहिब मैंने पत्थरों को भी रोते देखा है !!

मेरी गली मेरे घर में है

जो बात मेरे गाँव मेरी गली मेरे घर में है। उसके जैसा कुछ भी कहाँ तेरे शहर में है।

हर लम्हे को कैद हैं

हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं लेकिन ये सूरज की किरणें हमें आने वाले पल का संकेत देती हैं खुली बाहों से इनका सत्कार करो यही तो जीवन में रंग भरती हैं |

मोहब्बत के लिये

मोहब्बत के लिये अब तेरी मौजूदगी ज़रूरी नहीं यारा ……. ज़र्रे-ज़र्रे में तेरी रूह का अहसास होता है …!!

मरीज़-ए-इश्क़

मरीज़-ए-इश्क़ हूँ तेरा, तेरा दीदार काफी है…. हर एक नुस्खे से बेहतर, निगाह-ए-यार काफी है !

‬ये इंतिज़ार सहर का था

‬ये इंतिज़ार सहर का था या तुम्हारा था, दिया जलाया भी मैंने दिया बुझाया भी मैंने…

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