याद से जाते नहीं, सपने सुहाने और तुम, लौटकर आते नहीं, गुज़रे ज़माने और तुम, सिर्फ दो चीज़ें कि जिनको खोजती है ज़िंदगी, गीत गाने, गुनगुनाने के बहाने और तुम..
Category: जिंदगी शायरी
तुम बदल जाना..
जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना मुझे पता भी न चले और तुम बदल जाना…!!
आँखों में सूरमा
आँखों में सूरमा, चेहरे पर बुर्क़ा, और मेरा फटा कुर्ता. वाह क्या बात है!
तेरी हर बात पे
काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैंने…..
ख़ुशी के चार झोंके
अरे ओ आसमां वाले बता इसमें बुरा क्या है ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुजर जाएँ
तुझे अपना सोचकर..
तू मिले या ना मिले….. ये मेरे मुकद्दर की बात है, “सुकून” बहुत मिलता है….. तुझे अपना सोचकर..
उनके सामने जाऊं
नही पाता सहेज खुद को क्या उनके सामने जाऊं____बड़ी मुश्किल से संभला हूँ मुझे आबाद रहने दो…!!
खता मेरी विरासत
अगर बे-ऐब चाहो तो फरिश्तों से निकाह कर लो, … मैं आदम की निशानी हूँ, खता मेरी विरासत है ।
मैं जब किसी
मैं जब किसी गरीब को हँसते हुए देखता हूँ तो यकीन आ जाता है कि खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं है..
बीतता वक़्त
बीतता वक़्त है लेकिन, खर्च हम हो जाते हैं ।