दोनों ही बातों से तेरी एतराज है मुझको.. क्यों तू जिंदगी में आई और क्यों चली गई..
Category: शर्म शायरी
आज मैं अकेला हूँ
आज मैं अकेला हूँ, तो क्या हुआ दोस्तो.. एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सुना सा लगेगा..
कोई ताल्लुक़ तो है
मेरी आँखों का तेरी यादों से कोई ताल्लुक़ तो है, तसवुर में जब भी आते हो…चेहरा खिल सा जाता है…
एक हसीन पल
एक हसीन पल की जरूरत है हमें, बीते हुए कल की जरूरत है हमें, सारा जहाँ रूठ गया हमसे.. जो कभी ना रूठे ऐसे दोस्त की जरूरत है हमे
समझ नहीं पाता
किसी ने ज़हर कहा है किसी ने शहद कहा कोई समझ नहीं पाता है ज़ायका मोहब्बत का
सलाह दे रहा था
कल रात मैने अपने दिल से भी रिश्ता तोड दिया…! . . पागल तेरे को भूल जाने की सलाह दे रहा था…
इसांन सुन लेगा
मिठी बाते ना कर ऐ नादान परिंदे, इसांन सुन लेगा तो पिंजरा ले आएगा..
इज्ज़त हो या धोखा
जैसा दोगे वैसा ही पाओगे.. फ़िर चाहे इज्ज़त हो या धोखा..!!
उस मोड़ से
उस मोड़ से शुरू करें चलो फिर से जिंदगी हर शय हो जहाँ नई सी और हम हो अज़नबी
एक ख़्वाब ने
एक ख़्वाब ने आँखे खोली हैं…. क्या मोड़ आया है कहानी मैं….. वो भीग रही है बारिश मैं……….. और आग लगी है पानी मैं……!