आग लगी थी मेरे घर को, किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..! क्या बचा है ? मैने कहा मैं बच गया हूँ..! उसने हँस कर कहा फिर साले जला ही क्या है..
Category: वक़्त शायरी
तुम्हारे बगैर ये वक़्त
तुम्हारे बगैर ये वक़्त, ये दिन और ये रात जान मेरी… गुजर तो जाते हैं मगर, गुजारे नहीं जाते…
रात के गुल्लक
रात के गुल्लक में… तुम्हारे…. ख्वाबो के सिक्के…. जमा करता हूं …!!
होगी कितनी चाहत
होगी कितनी चाहत उस दिल मे…जो खुद ही मान जाये, कुछ पल खफा होने के बाद…!!!
फोड़ देती है
फोड़ देती है अपना गुल्लक भी भाई की खुशियों के लिये भगवान के अलावा बहनें भी मनोकामना पूर्ण करती है
जरा सम्भल के
जरा सम्भल के रहना उन इंसानो से दोस्तों… जिन के दिल मे भी दिमाग होता है…!!
तेरे बग़ैर इश्क़
तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो कैसे हो इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है…..
कब तक लफ़्ज़ों की
कब तक लफ़्ज़ों की कारीगरी करता रहूँ… … समझ जाओ ना that I love you
लोग चाहते हैं कि
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें, लेकिन ये भी सत्य है कि वो कभी नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें !!!” दूनिया का उसूल है जब तक काम है तब तक तेरा नाम है वरना दूर से ही सलाम है
तरस जाओगे हमारे
तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ़्ज़, प्यार की बात तो क्या हम शिकायत भी नहीं करेंगे