तू तो हँस हँसकर जी रही है, जुदा होकर भी.. कैसे जी पाया होगा वो, जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं..
Category: वक़्त शायरी
बेपरवाह हो जाते है
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग, जिन्हे कोई बहुत प्यार करने लगता है…
सोचा ना था
सोचा ना था वो शख्स भी इतना जल्दी साथ छोङ जाएगा…!!! . जो मुझे उदास देखकर कहता था…!!! “मैँ हू ना”…..
दिल भी जिद पर अडा है
दिल भी जिद पर अडा है बच्चे की तरह, या तो वो चाहिए या फिर कुछ नहीं !!
तरसते थे जो मिलने को
तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी! आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं! हम भी वही हैं दिल भी वही है! न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं!
तकदीर के लिखे पर
तकदीर के लिखे पर कभी शिकवा न कर, तू अभी इतना समझदार नहीं हुआ है की रब के इरादे समझ सके..
जरा ठहर ऐ दिल
जरा ठहर ऐ दिल, सुन…. लौट चलते हैं वापिस…. अकेले सफर में गुफ्तगू किससे होगी अब…!!
पलकों की हद को
पलकों की हद को तोड़कर दामन पे आ गिरा, एक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया !!!!
कितना अच्छा लगता है
कितना अच्छा लगता है, ये सुनना जब कोई व्यस्त होने पर भी ये बोले, आप से ज़्यादा ज़रूरी नहीँ है
यादों की किम्मत
यादों की किम्मत वो क्या जाने, जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं, यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो, यादों के सहारे जिया करते हैं.