तुम रख ही ना सकीं मेरा तोफहा सम्भालकर मैंने दी थी तुम्हे,जिस्म से रूह निकालकर
Category: याद
वो हैं के वफ़ाओं में
वो हैं के वफ़ाओं में खता ढूँढ रहे हैं, हम हैं के खताओं में वफ़ा ढूँढ रहे हैं।
बहुत ढूंढने पर
बहुत ढूंढने पर भी अब शब्द नही मिलते अक्सर…. अहसासों को शायद पनाह क़लम की अब गंवारा नही…
कमाल हासिल है
हमको कमाल हासिल है ग़म से खुशियाँ निचोड़ लेते हैं|
परिंदे उनकी छत पर
परिंदे उनकी छत पर बैठे हैं बिन दाने के बिन पानी के हमने तो बड़े चर्चे सुने थे उनकी मेहरबानी के….
जब हम लिखेंगे
जब हम लिखेंगे दास्तान-ए-जिदंगी तो, सबसे अहम किरदार तुम्हारा ही होगा..
दो लफ्ज़ उनको
दो लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए, हज़ारों लफ्ज़ लिखे ज़माने के लिए
हमारे दिल में भी
हमारे दिल में भी झांको अगर मिले फुरसत… हम अपने चेहरे से इतने नज़र नहीं आते…
तुझे महसूस करने को
तड़प रही है सांसे तुझे महसूस करने को…फिजा में खुशबू बनकर बिखर जाओ तो कुछ बात बने |
तूने जिंदगी का
तूने जिंदगी का नाम तो सुना होगा .. . मैने अक्सर तुम्हे इसी नाम से पुकारा है|