मत पूछ कि मैं शब्द कहा से ला रहा हूँ……? तेरी यादो का खजाना हैं, लुटाएं जा रहा हूँ…..!!
Category: मौसम शायरी
हिचकीयाँ हमनें भी ना रोकी
हिचकीयाँ हमनें भी ना रोकी ये सोच कर कि, ज़रा देखें कोई किस हद तक हमें याद करता है..
जब फूल को छुआ होगा
उसने जब फूल को छुआ होगा, होश खुश्बू के भी उड़ गए होंगे |
अब जुदाई के सफ़र को
अब जुदाई के सफ़र को मेंरे आसान करो….. तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ….
एक लम्हा भी
एक लम्हा भी मसर्रत का बहुत होता है, लोग जीने का सलीका ही कहाँ रखते हैं।
बेशुमार दिल मिलते हैं
एक बाज़ार है ये दुनिया… सौदा संभाल के कीजिए… मतलब के लिफ़ाफ़े में… बेशुमार दिल मिलते हैं…
अंजाम का खयाल
आने लगा हयात को अंजाम का खयाल, जब आरजूएं फैलकर इक दाम बन गईं।
अगर कांटा निकल जायें
अगर कांटा निकल जायें चमन से, तो फूलों का निगहबां कौन होगा।
आँखों में छुपाए
आँखों में छुपाए फिर रहा हूँ, यादों के बुझे हुए सबेरे।
एहसान चढा हुआ है
कैसे चुकाऊं किश्तें ख्वाहिशों की .. मुझ पर तो ज़रुरतों का भी एहसान चढा हुआ है ..!!