कोई खूबसूरत सी

कोई खूबसूरत सी दुआ कूबूल की उस खुदा नें जो आमीन की तरह मुझे तुम मिले हो

ऐ खुदा उसके

ऐ खुदा उसके हरेक लम्हे की हिफाजत करना…… मासूम सा चेहरा है उस पगली का उदास कभी मत करना…

बदनाम करते है

बदनाम करते है लोग हमें जिनके नाम से…! आज तक जी भर के देखा भी नहीं हमने उसे ।।

धीरे धीरे बहुत

धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है, लोग भी, रिश्ते भी, कभी कभी हम खुद भी…!!!

मिटा दिये हैं

मिटा दिये हैं सभी फासले…….तुम्हारी मोहब्बत ने मेरा दिमाग धड़कता है…… मेरे दिल की तरह

तुझमें छुपे हैं……

तुझमें छुपे हैं…….मेरी ज़िन्दगी के हजारों ‘राज’ तुझे वास्ता है ……..मेरे प्यार का, जरा खुद का…….. ख्याल रखा कर !!

हर अल्फाज दिल का

हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो, न जाने कौन सी शायरी आखरी हो जाए।

तेरा ख़याल मुझे

तेरा ख़याल मुझे कुछ …… इस तरह पुकारता है जैसे मंदिरों में ……. कोई आरती उतारता है

हम पर भरी बहार का होता

हम पर भरी बहार का होता नहीं असर उनसे बिछड़ गए है तो जज़्बात मर गए उनसे किसी तरह की भी उल्फत न हो सकी जो लोग एक बार नज़र से उतर गए

बेगुनाह होकर भी

बेगुनाह होकर भी गुनाह कबूल कर लेता हूँ… इल्जाम उन्होने लगाया है गलत कैसे कहूँ…!!

Exit mobile version