जमीपर वो मेरा नाम लिखते हैं और मिटाते हैं… कम्बखत उनका टाइमपास होता हैं लेकिन नाम हमारा मिट्टी मे मिल जाता हैं ..
Category: मौसम शायरी
बहुत आदतें थीं
बहुत आदतें थीं जो छोड़ दी मैंने… ख़्याल तुम्हें अपनाने का जो आया!!
ज़रा सी शाम
ज़रा सी शाम हसीन क्या हुई.. उनकी कमी दिल को खलने लगी..!!
लोग कहते है कि
लोग कहते है कि आदमी को अमीर होना चाहिए और हम कहते है कि आदमी का जमीर होना चाहिए……..?
चाहते हो अगर
चाहते हो अगर हमेशा के लिए किसी को अपना बनाना.. तो कितना चाहते हो उसे ,ये उसे कभी ना बताना
प्यार गया तो
प्यार गया तो कैसे मिलते रंग से रंग और ख़्वाब से ख़्वाब एक मुकम्मल घर के अंदर हर तस्वीर अधूरी थी..
कौन कहता है
कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नहीँ होते… रास्ते गवाह हैँ, कमबख्त गवाही नहीँ देते…
कौन-सी बात
कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है ये सलीक़ा हो तो हर बात सुनी जाती है जैसा चाहा था तुझे, देख न पाए दुनिया दिल में बस एक ये हसरत ही रही जाती है एक बिगड़ी हुई औलाद भला क्या जाने कैसे माँ-बाप के होंठों से हँसी जाती है कर्ज़ का बोझ उठाए हुए चलने… Continue reading कौन-सी बात
तारीफ़ के मोहताज
तारीफ़ के मोहताज नही होते हैं सच्चे लोग, ऐ दोस्त…!! असली फूलो पर कभी इत्र छिड़का नहीं जाता…!!
ना खुशी की तलाश है
ना खुशी की तलाश है ना गम-ए-निजात की आरज़ू, मै ख़ुद से ही नाराज हूँ तेरी नाराजगी के बाद।