करें किसका यक़ीन यहाँ सब अदाकार ही तो हैं, गिला भी करें तो किससे करें सब अपने यार ही तो हैं।
Category: मौसम शायरी
तुमको दे दी है
तुमको दे दी है इशारों में इजाज़त मैने.. माँगने से ना मिलूँ….तो चुरा लो मुझको..
तेरी आँख का मंजर
गुम है जो तेरी आँख का मंजर तलाश कर। बाहर जो खो गया है उसे अपने अंदर तलाश कर। जो तुझ को तेरी जात से बाहर निकाल दे। दश्त-ऐ-जूनून में ऐसा कलन्दर तलाश कर ।।
इलाज न ढूंढ
इलाज न ढूंढ इश्क का वो होगा ही नही, इलाज मर्ज का होता है इबादत का नही ।
मेरी रातें मुझसे
मेरी रातें मुझसे ये सवाल करती है.. तेरी सुबह कोई जवाब क्यू नहीं देती…
तुझे याद कर लूं
तुझे याद कर लूं तो मिल जाता है सुकून दिल को,मेरे गमों का इलाज भी कितना सस्ता है.. तुझे याद कर लूं तो मिल जाता है सुकून दिल को,मेरे गमों का इलाज भी कितना सस्ता है.. ।।
बहुत दूर तक
बहुत दूर तक जाने के बाद समझ आई, कि कुछ राहों की मंज़िल नहीं होती।
मुस्काना तो पड़ता है
महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है उनकी आँखों से होकर दिल तक जाना रस्ते में ये मैखाना तो पडता हैं तुमको पाने की चाहत में ख़तम हुए इश्क में इतना जुरमाना तो पड़ता हैं
पसीना मौत का
पसीना मौत का माथे पे है आइना लाओ। हम अपनी ज़िन्दगी की आखिरी तस्वीर देखेंगे
हजारों महेफिलें है
हजारों महेफिलें है और लाखो मेले है,पर जहां तुम नहीं वहां हम अकेले है !!