मेरे ज़ख्मो का

उसने मेरे ज़ख्मो का यूँ किया इलाज, मरहम भी लगाया तो काँटों की नोक से….

यू रोने न देती…

दोस्तों आज तो खुद ही रोया और रो के चुप भी हो गया, सोचा अगर वो अपना मानती तो यू रोने न देती…

किसी के पास

जाने क्यों अधूरी सी रह गई है जिंदगी लगता है जैसे खुद को किसी के पास भूल आए..

अच्छे तो जख्म हैं

तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ..

मेरे ही खून में

डूबी है मेरी उंगलियाँ मेरे ही खून में, ये काँच के टुकड़ों पर भरोसे की सज़ा है…

यादें बहुत मशरूफ

नहीं फुरसत यकीन मानो कुछ और करने की तेरी बातें , तेरी यादें बहुत मशरूफ रखती हैं|

हताशा मे डूबी

हताशा मे डूबी माँ के आंसू जब औलाद पोंछती है..!! हर कर्ज अदा हो जाता है..ममता धन्य हो जाती है..!!

सियासत मुल्क में

सियासत मुल्क में शायद है इक कंगाल की बेटी हर इक बूढा उसे पाने को कैसे छटपटाता है

हालांकि मेरी माँ

हालांकि मेरी माँ ने कभी तंत्र विद्या नहीं सीखी है पर जिस लड़की पर मै फ़िदा होता हूँ मेरी माँ एक नजर में बता देती है कि ये चुड़ैल है..

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.. वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.

Exit mobile version