जब आंख खुली तो

जब आंख खुली तो अम्‍मा की गोदी का एक सहारा था उसका नन्‍हा सा आंचल मुझको भूमण्‍डल से प्‍यारा था उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों सा खिलता था उसके स्‍तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचा पैरों से खूब प्रहार किया फिर भी उस मां ने… Continue reading जब आंख खुली तो

मां की आंखो मे

कल अपने आप को देखा था मां की आंखो मे, यह आईना मुझको बुढा नहीं बताता है..

हताशा मे डूबी

हताशा मे डूबी माँ के आंसू जब औलाद पोंछती है..!! हर कर्ज अदा हो जाता है..ममता धन्य हो जाती है..!!

घर की आग भी

घर की आग भी कितनी समझदार होती है….. हमेशा बहु को लगती है बेटी को नहीं…

हालांकि मेरी माँ

हालांकि मेरी माँ ने कभी तंत्र विद्या नहीं सीखी है पर जिस लड़की पर मै फ़िदा होता हूँ मेरी माँ एक नजर में बता देती है कि ये चुड़ैल है..

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.. वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.

वाह रे जमाने

वाह रे जमाने तेरी हद हो गई, बीवी के आगे माँ रद्द हो गई ! बड़ी मेहनत से जिसने पाला, आज वो मोहताज हो गई ! और कल की छोकरी, तेरी सरताज हो गई ! बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई ! वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!! पेट पर सुलाने वाली, पैरों… Continue reading वाह रे जमाने

रिश्तों में विश्वास

अपनी कमजोरियां उन्ही लोगों को बताइये, जो हर हाल में आपके साथ मजबूती से खड़े होना जानते है” ” क्यूँकि रिश्तों में विश्वास , और मोबाईल में नेटवर्क ना हो, . . तो लोग Game खेलना शुरू कर देते हैं !!

प्रेम से देती है

प्रेम से देती है, वह है “बहन” झगङकर देता है, वह है “भाई” पुछकर देता है, वह है “पिताजी” और बिना माँगे सबकुछ दे देती है वह है…”माँ’”

खुद मुझे लिखा है

“माँ ” के लिए क्या लिखू ? “माँ ” ने खुद मुझे लिखा है ..

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