लगता है आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा है, चलिए छोड़िये कौन सी पहली दफ़ा है..
Category: दर्द शायरी
झूठ बोलते थे
झूठ बोलते थे कितना, फिर भी सच्चे थे हम ये उन दिनों की बात है, जब बच्चे थे हम !!
मुद्दत हो गयी
मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले…!!! बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले..
जो आसानी से
जो आसानी से मिले वो है धोखा; जो मुश्किल से मिले वो है इज्ज़त; जो दिल से मिले वो है प्यार। और जो नसीब से मिले वो हैं आप।
नजाकत तो देखिये
नजाकत तो देखिये, की सूखे पत्ते ने डाली से कहा, चुपके से अलग करना वरना लोगो का रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा !!
सबके कर्ज़े चुका दूँ
सबके कर्ज़े चुका दूँ मरने से पहले, ऐसी मेरी नीयत है; मौत से पहले तू भी बता दे ज़िंदगी, तेरी क्या कीमत है।
चेहरे पर जो
चेहरे पर जो अपने दोहरी नकाब रखता हैं, खुदा उसकी चलाकियों का हिसाब रखता हैं
बेताब हम भी है..
बेताब हम भी है.. दर्द -ए -जुदाई की कसम, रोती वो भी होगी.. नज़रें चुरा चुरा के !
जमीर ही आँख नही मिलाता
जमीर ही आँख नही मिलाता वरना, चेहरा तोआईने पर टूट पड़ता है….
गम ऐ बेगुनाही के मारे है
गम ऐ बेगुनाही के मारे है,, हमे ना छेडो.. ज़बान खुलेगी तो,, लफ़्ज़ों से लहू टपकेगा.