उठ न जाए ऐतबार ज़माने का….!! ऐ मुहब्बत, किसी को तो रास आ तू….!!!
Category: दर्द शायरी
सोने नही देती
लोग अक्सर शोर से उठ जाते है मुझे तो उसकी ख़ामोशी सोने नही देती…………
मुश्किल वक़्त पे
मुझे जानू कहने वाली गर्ल फ्रेंड नही भी मिली तो चलेगा पर……. मुश्किल वक़्त पे भाई कहने वाला दोस्त होना चाइये….
नही है शिकवा
नही है शिकवा हमे किसी की बेरुखी से.. शायद हमे ही नही आता दिलो में घर बनाना..
खुद को इश्क से
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझती रही, नादान इतना नही समझी कि इश्क चेहरे से नही नजरों से शुरू होता है..!!
किसी गरीब को
किसी गरीब को मत सताना। वो तो बस रो देगा पर… उपरवाले ने सुन लिया तो तू अपनी हस्ती खो देंगा..
कहीं भी नहीं मिले
आखिर थक हार के, लौट आया मैं बाजार-ए – दुनिया से . . कि यादों को बंद करने के ताले, कहीं भी नहीं मिले___!!
बहुत सोच समझकर
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना…. ऐ दोस्तों…… हम वादे पर जिंदगी गुज़ार देते हैं…..!!
तकलीफ दे तो
आदत’ बना ली है। मैंने खुद को तकलीफ देने की । ताकि जब कोई अपना । तकलीफ दे तो फिर ” तकलीफ ” न हो.
बदल के आते है
जिंदगी,, सुन,,, तू यहीं रुकना हम जमाना बदल के आते है,,,,,!