उसके जैसी कोई दूसरी कैसे हो सकती है, अब तो वो खुद भी खुद के जैसी नहीं रही !!
Category: दर्द शायरी
अगर समझ पाते तुम
अगर समझ पाते तुम मेरी चाहत की इन्तेहा तो, हम तुमसे नही, तुम हमसे मुहब्बत करते… !!
तू चाँद का टुकड़ा नहीं
तू चाँद का टुकड़ा नहीं, चाँद तेरा टुकड़ा है । टूटते तारे नहीं, फ़िदा होते सितारे देख तेरा मुखड़ा है । ख़ूबसूरती देख तेरी अप्सरा का दिल जलन से उखड़ा है दुनिया में तेरे वजूद से, स्वर्ग भी लगता उजड़ा है ।
जो कोई समझ न सके
जो कोई समझ न सके वो बात हैं हम, जो ढल के नयी सुबह लाये वो रात हैं हम, छोड़ देते हैं लोग रिश्ते बनाकर, जो कभी न छूटे वो साथ हैं हम।
कैसे जिंदा रहेगी
कैसे जिंदा रहेगी तहज़ीब सोचिये ! , पाठशाला से ज्यादा तो मधुशाला हैं इस शहर मे….
पूरी दुनिया खोज लो
पूरी दुनिया खोज लो हमसे बड़ा न वीर हमने खुद ही डाल लीं पांवों में जंजीर
देख कर उसकी आँखो में
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी… दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
दिल के जख्म
दिल के जख्म को चेहरे से…. जाहिर न होने दिया, यही जिन्दगी में…… मेरे जीने का अंदाज बन गया..
सुबह को कुछ है
सुबह को कुछ है और शाम को है कुछ और, गरीब की तकलीफ़ें अब अमीरों के लिबास जैसी है।
जिनको हासिल नहीं
जिनको हासिल नहीं वो जान देते रहते हैं जिनको मिल जाऊं वो सस्ता समजने लगते हैं !!