अब अकेला नहीं रहा मैं यारों मेरे साथ अब मेरी तन्हाई भी है…..
Category: दर्द शायरी
ज़रा सी ढंग की रोटी
ज़रा सी ढंग की रोटी क्या मांग ली देश के सिपाही ने… सरकार ने तो बन्दुक ही छीन ली…
मेहरबान होकर बुला लो
मेहरबान होकर बुला लो मुझे किसी वक़्त, मैं गया वक़्त नहीं कि फिर आ भी ना सकूँ…..
रंजिश ही सही
रंजिश ही सही , दिल को दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे , छोड़ जाने के लिए आ…..
जो फ़ना हो जाऊं
जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना, ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है !
तुम्हारे हँसने की वजह
तुम्हारे हँसने की वजह बनना चाहता हूँ , बस इतना हैं तुमसे कहना………
कभी साथ बैठो
कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या दर्द है मेरा…… तुम दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहेगे ……
कभी कभी मीलों दूर
कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।
हर चीज़ वक़्त के साथ
हर चीज़ वक़्त के साथ बदलती है, बस अगर हम वक़्त के साथ चले तो…!!
वापसी का तो
वापसी का तो सवाल ही नही….. आँसुओ की तरह निकला हूँ मै…..