लाख तलवारे बढ़ी

लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ; सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।

इश्क़ और तबियत

इश्क़ और तबियत का कोई भरोसा नहीं, मिजाज़ से दोनों ही दगाबाज़ है, जनाब।

हिम्मत नहीं किसी में

ताकत नहीं मुज में इतनी की छीन लू दुनिया से तुजे , ऐ_सनम पर मेरे दिल से कोई तुझे निकाल दे इतनी हिम्मत नहीं किसी में ।

मजबूत सी जंजीर

कोई मजबूत सी जंजीर भेजो ….. आज फिर तुम्हारी याद पागल हो गयी है

लुटा चुका हूँ

लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो; मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ।

युं तो गलत नही

युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के; लेकिन लोग… वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है…!!

जब भी बात करो

जब भी बात करो,मुस्कुराया करो | जैसे भी रहो,खिलखिलाया करो | जो भी हो दर्द,सह जाया करो | ज्यादा हो,तो किसी से कह जाया करो | जीवन एक नदी है,इसमे बहते जाया करो | ऊँच नीच होगी राह में,इनसे उबर जाया करो | अपनापन जहाँ महसूस हो,स्वर्ग वहीं पाया करो | बहुत सुंदर है यह… Continue reading जब भी बात करो

ये जरूरी तो नही

माना कि बाहों में हो फूल सदा , ये जरूरी तो नही । काँटों का दर्द भी , कभी तो सहना होगा। राहों में छाव हो सदा, ये जरूरी तो नहीं। धुप की चुभन में, कभी तो रहना होगा । हंसी खिलती रहे सदा , ये जरूरी तो नहीं। पलकों पर जमे अश्को को, कभी… Continue reading ये जरूरी तो नही

कहीं ज़िक्रे-दुनिया

कहीं ज़िक्रे-दुनिया, कहीं ज़िक्रे-उक़्बा, कहाँ आ गये मयकदे से निकलकर।

जब आंख खुली तो

जब आंख खुली तो अम्‍मा की गोदी का एक सहारा था उसका नन्‍हा सा आंचल मुझको भूमण्‍डल से प्‍यारा था उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों सा खिलता था उसके स्‍तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचा पैरों से खूब प्रहार किया फिर भी उस मां ने… Continue reading जब आंख खुली तो

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