क्या तू मुझको समझा कह दे, दरिया कह या सहरा कह दे. मुझे आईना कहने वाले, अपना मुझको चेहरा कह दे. सिर्फ सोचने से क्या होगा, अच्छा हूँ तो अच्छा कह दे. साथ में हर पल रहता है तू, फिर भी चाहे तो तन्हा कह दे. छिपा रहा है ख़ुद को मुझसे, क्या है तेरी… Continue reading क्या तू मुझको
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वो कभी मिल जाएँ
वो कभी मिल जाएँ तो क्या कीजिए रात दिन सूरत को देखा कीजिए चाँदनी रातों में इक इक फूल को बे-ख़ुदी कहती है सजदा कीजिए जो तमन्ना बर न आए उम्र भर उम्र भर उस की तमन्ना कीजिए इश्क़ की रंगीनियों में डूब कर चाँदनी रातों में रोया कीजिए पूछ बैठे हैं हमारा हाल वो… Continue reading वो कभी मिल जाएँ
मुद्दत उन्हें देख
बाद मुद्दत उन्हें देख कर यूँ लगा जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया आरज़ू के गुल मुस्कुराने लगे जैसे गुलशन में बहार आ गया तिश्न नज़रें मिली शोख नज़रों से जब मैं बरसने लगी जाम भरने लगे साक़िया आज तेरी ज़रूरत नहीं बिन पिये बिन पिलाये खुमार आ गया रात सोने लगी सुबह होने… Continue reading मुद्दत उन्हें देख
नीम के रस में
नीम के रस में मिला जब जहर तो मीठा हो गया झूठ उसने इस कदर बोला कि सच्चा हो गया इतना उजला था लिबासे लफ्ज उस तकरीर का लोग थोडी देर को समझे कि सवेरा हो गया आ गले लग जा मुबारक हो तुझे मेरे रकीब कल तलक जो शख्स मेर था वो तेरा हो… Continue reading नीम के रस में
तेरी चाहत भी
अजीब मेरा अकेलापन है… तेरी चाहत भी नहीं..और तेरी जरूरत भी है …!!!
जब सूरज भी
जब सूरज भी खो जायेगा , और चाँद कहीं सो जायेगा. तुम भी घर देर से जाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जायेगा..
उदास ही रहना
जिन्दगी भर , उदास ही रहना है … __सोंचता हूँ तो मुस्कुराता हूँ ….!!!!
यादों का किस्सा
मै यादों का किस्सा खोलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं. मै गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं. अब जाने कौन सी नगरी में, आबाद हैं जाकर मुद्दत से. मै देर रात तक जागूँ तो , कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं. कुछ बातें थीं फूलों जैसी, कुछ लहजे… Continue reading यादों का किस्सा
लफ्ज़ों में ज़िन्दगी
कितने कम लफ्ज़ों में ज़िन्दगी को बयान करूँ, चलो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा ये तमाम करूँ…!
क्या मासूमियत है
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर.. तेरे सामने आने से ज्यादा, तुझे छुपके देखना अच्छा लगता है ..