यादों का तकिया

तेरी यादों का तकिया, लगाता हूँ जब भी सिरहाने, उदासियां आ जाती है, तन्हाइयों की चद्दर उढाने..

गजब की जगह है

यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो…. जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’ मांगता है…!!

लोगों से रिश्ता

मुझमें खामियाँ लाख होंगी, मगर एक खूबी भी है, मै लोगों से रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखता…

जब तक सत्य

जब तक सत्य घर से बहार निकलता है ll तब तक ज़ुठ आधी दुनिया घुम लेता है ll

जज़बात पर काबू

जज़बात पर काबू , और वो भी मोहब्बत में… तूफान से कहते हो , चुपचाप गुज़र जाये ।

छींटें बिखर जातें हैं ……

छू के उनकी दीवार को , जब निकलती है सबा ….. । घर से उनकी आवाज़ के , छींटें बिखर जातें हैं ……❗❗

हमसे खेलती रही

हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह जो जीता उसने भी फेंका और जो हारा उसने भी फेंका…..

बस एक शख्स

बस एक शख्स ऐसा हो , जो टूट कर वफ़ा करे उठाए हाथ जब भी वो, मेरे लिए दुआ करे अकेले बैठी मैं कहीं जो गुम ख्यालों में दिखूँ तो आँखें मीच कर मेरी, वो पीछे से हँसा करे मुझे बताए ग़लतियाँ, दिखाए भी वो रास्ता वो बन के आइना, मुझे हर एक पल दिखा… Continue reading बस एक शख्स

मै खड़ा ही रहा..

मै खड़ा ही रहा.., पूछता पूछता… उसने नज़रें झुकाई,जवाब हो गया || फलसफा ही पढ़ा था, सफा दर सफा, उसने जो लिख दिया ,वो किताब हो गया || मैंने उम्र गुज़ारी ,उनके इंतजार में वो मुस्कुरा जो दिए तो हिसाब हो गया || मै तरसता.. रहा… अपनी पहचान को , उसने नाम लिया , तो… Continue reading मै खड़ा ही रहा..

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