कभी पलकों पे

कभी पलकों पे आंसू हैं, कभी लब पर शिकायत है.. मगर ऐ जिंदगी फिर भी, मुझे तुझसे मुहब्बत है..

सुकून मिला है

सुकून मिला है मुझे आज बदनाम होकर… तेरे हर एक इल्ज़ाम पे यूँ बेज़ुबान होकर….

जो हम पे गुज़री है

जो हम पे गुज़री है शायद सभी पे गुज़री हो, फ़साना जो भी सुना कुछ सुना सुना सा लगा…

सफ़र में धूप

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो…

अपने ही साए में

अपने ही साए में था, मैं शायद छुपा हुआ, जब खुद ही हट गया, तो कही रास्ता मिला…..

मैंने कल शब चाहतों की

मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी, सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया …..

ज़िन्दगी के मायने तो

ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे , अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो…

शायरो की महफ़िल

लगती थी शायरो की महफ़िल जहा सुना है वो जगह अब सुनसान होगयी

ये चांद की

ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है, कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..

रिश्ते बनावट के

रिश्ते बनावट के पसंद नहीं मुझे.. दोस्त हों या दुश्मन सब…. असली हैं मेरे..

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