जिसको तलब हो हमारी

जिसको तलब हो हमारी, वो लगाये बोली, सौदा बुरा नहीं.. बस “हालात” बुरे है.!

तुझे अपना बना लेते

ये तो इश्क़ का कोई लोकतंत्र नहीं होता, वरना रिश्वत देके तुझे अपना बना लेते |

तू पंख ले ले

तू पंख ले ले और मुझे सिर्फ हौंसला दे दे, फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे !!

ज़िन्दगी तूने लहू ले के

ज़िन्दगी तूने लहू ले के दिया कुछ भी नहीं| तेरे दामन में मेरे वास्ते क्या कुछ भी नहीं| मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशि ले लो, मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं| हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ, सामने जिन के वो सच मुच का ख़ुदा कुछ भी नहीं|… Continue reading ज़िन्दगी तूने लहू ले के

अकेले करना पड़ता हैं

अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए.. काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..

इंतज़ार की आरज़ू

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है, खामोशियो की आदत हो गयी है, न सीकवा रहा न शिकायत किसी से, अगर है तो एक मोहब्बत, जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!

बरसों पुराना ये खँडर

जिस्म का बरसों पुराना ये खँडर गिर जाएगा, आँधियों का ज़ोर कहता है शजर गिर जाएगा ! हम तवक़्क़ो से ज़ियादा सख़्त-जाँ साबित हुए, वो समझता था कि पत्थर से समर गिर जाएगा ! अब मुनासिब है कि तुम काँटों को दामन सौंप दो, फूल तो ख़ुद ही किसी दिन सूखकर गिर जाएगा !

सितम याद आए

जब भी ग़ैरों की इनायत देखी हम को अपनों के सितम याद आए |

इन मासूम निगाहों को

इन मासूम निगाहों को पहचानती तो होगी न तुम.!! !!.अब इनमे दर्द और अश्कों की वजह सिर्फ तुम हो..

खींचो न कमानों को

खींचो न कमानों को,न तलवार निकालो, ग़र दुश्मन हो मुकाबिल तो अखबार निकालो।

Exit mobile version