पहचानती तो है…

हमेँ देख कर उसने,मुह मोड लिया…… ,,,,, तसल्ली सी हो गयी,,कि चलो,पहचानती तो है…..

रहना ज़िंदगी से

“ये इक दिन मौत से सौदा करेगी, जरा…होशियार रहना ज़िंदगी से”..

क्या हसीन इत्तेफाक़

क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का., किसी काम से आये थे, किसी काम के ना रहे..

विश्वास भी सिर्फ तुम

तुम क्या जानो कहाँ हो तुम मेरे दिल में मेरी हर धड़कन में हर निगाह जो दूर तलाक जाती है हर आशा जो पूरा होना चाहती है तुम क्या जानो क्या हो तुम मेरे लिए मेरी हर पल की आस मेरा विश्वास ज़िन्दगी की बैचेन घड़ियों में जिन्दा रहने को पुकारती हुई तुम मेरे करीब….हर… Continue reading विश्वास भी सिर्फ तुम

शायरी करोगे जनाब

मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर देखो। सदियो तक शायरी करोगे जनाब।

लगता चला गया

दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया…. कोई अच्छा लगा और बस लगता चला गया…………

याद मत आओ

खनक उठें न पलकों पर कहीं जलते हुए आँसू,, तुम इतना याद मत आओ के सन्नाटा दुहाई दे..!

रोज़ वो ख़्वाबों में

रोज़ वो ख़्वाबों में आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी…

हम दर्द सहते हैं

शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं । वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते ॥

हकिकत से बहोत

हकिकत” से बहोत दूर है, “ख्वाहिश” मेरी..!!! फिर भी एक “ख्वाहिश” है कि एक ख्वाब “हकिकत” हो जाये..!

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