मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ   कभी चुपके से चला आऊँ तेरी खिलवत में और तुझे तेरी निगाहों से बचा कर देखूँ   मैने देखा है ज़माने को शराबें पी कर दम निकल जाये अगर होश में आकर देखूँ   दिल का मंदिर बड़ा… Continue reading मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे कि अपनो में भी काश कोई अपना होता…

ईद में सैंवई

ईद में सैंवई, दिवाली में गुजिये, क्रिसमस में केक अपनी जुबां को मैंने,हर मज़हब की तालीम दी है..!!

खुदा से मोहब्बत है

तुमसे नहीं तेरे अंदर बैठे खुदा से मोहब्बत है मुझे, तू तो फ़क़त एक ज़रिया है मेरी इबादत का!

मौका दे दे

गालिब ने भी क्या खूब लिखा है… दोस्तों के साथ जी लेने का मौका दे दे ऐ खुदा… तेरे साथ तो मरने के बाद भी रह लेंगें ।

चुटकियों में ऊड़ाया

मैं भी तो इक सवाल था हल ढूँढते मेरा ये क्या कि चुटकियों में ऊड़ाया गया मुझे

दिलों में नफ़रत

क्या मिलेगा दिलों में नफ़रत रख कर बड़ी मुख्तसर सी ज़िंदगी है मुस्कुरा के मिला करो|

मुझको मेरे वजूद

मुझको मेरे वजूद की हद तक न जानिए , बेहद हूँ, बेहिसाब हूँ, बेइन्तहा हूँ मैं …!!

मुश्किलें तमाम है

जिन्दगी में मुश्किलें तमाम है, फिर भी इन होठों पे मुस्कान है, जीना जब हर हाल में है तो, फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है !!

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