स्वर्ग में सीढ़ी लगाने की अभिलाषा खत्म हो गयी चाहे साथ ही मेरे ….. चाँद की पगडंडी से देखा हैं अपना वजूद मैंने अग्नि भेंट होता भी …. पर मैं आज भी ज़िंदा हू हमेशा ज़िंदा रहूँगा तेरे दिलो दिमाग अंदर ….!!
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जो दिखता तुझसा है
मालूम नहीं है मुझको हुस्न की तारीफ मगर मेरे लिए हर वो शख्स खूबसूरत है जो दिखता तुझसा है
वक्त ही ना मिले
खुद की तरक्की में इतना समय लगा दो की किसी ओर की बुराई का वक्त ही ना मिले…… “क्यों घबराते हो दुख होने से, जीवन का प्रारंभ ही हुआ है रोने से.. नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है… लोग “रूलाना” नहीं छोडते… और हम ” हसना” नहीं……
डिब्बे में छुपाए थे
माँ ने कुछ पैसे, आटे के डिब्बे में छुपाए थे….. ख्वाब कुछ मेरे ,ऐसे पकाए थे.
बेटा मज़े में है
बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर माँ सबसे कह रही है कि बेटा मज़े में है
कितना मुश्किल है
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. !! जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे .. !!
चिन्ता और असफलताएँ
आत्मबल जिनके अन्दर होता है उनके सामने बीमारियाँ ,चिन्ता और असफलताएँ हार जाती है पर आत्मबल प्रभु भक्ति से हीआता है”
एहसास जब जुड़ते है
एहसास जब जुड़ते है तब भी महसूस होते है एहसास जब टूटते है तब रूह को चीर देते है”
जब से खुद से
जब से खुद से समझोता किया है मानों हर पल टूट रहा हूँ मैं..
कोई तो पैमाना
काश कोई तो पैमाना होता मोहब्बत नापने का तो शान से तेरे सामने आते सबुत के साथ