सभी करते है

” दोस्ती ” सभी करते है मगर … कुछ लोग निभाते है .. कुछ लोग आझमाते है

तुमको ना रोकेंगे

मेरी बेचैन उमंगो को बहलाकर चले जाना, हम तुमको ना रोकेंगे बस आकर चले जाना…

धागे की तरह

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते.., या तो लोहे की तरह जोड़ दे,या फिर धागे की तरह तोड़ दे..!!

मस्जिद के सामने

हसीना ने मस्जिद के सामने घर क्या खरीदा, पल भर में सारा शहर नमाज़ी हो गया…!

आज भी तेरी

एक बार और देखकर आज़ाद करदे मुझे… … के आज भी तेरी पहली नज़र में कैद हूँ मैं ।

अब यादें है

कुछ ख्वाब देखे,फिर ख्वाहिश बनी,अब यादें है…

किसी उदास मौसम

किसी उदास मौसम में, मेरी आँखों पे वो हाथ रख दे अपना, और हसती हुई कह दे, पहचान लो तो हम तुम्हारे ना पहचानो तो तुम हुमारे..

न खाइये जनाब

खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है….!!

मांग लूंगा तुझे

मैं वहाँ जाकर भी मांग लूंगा तुझे,,, कोई बताये तो फैसले कुदरत के कहाँ होते है..

खुदगर्ज़ बन जा

सुकून से जीने का तरीका, ये भी है लोगों की परवाह छोड़ खुदगर्ज़ बन जा..

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