मीठी यादों के साथ

मीठी यादों के साथ गिर रहा था, पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था…

मीठी यादों के साथ

मीठी यादों के साथ गिर रहा था, पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था…

आज नहीं तो कल

आज नहीं तो कल तुझे अहसास हो ही जायेगा के नसीब वालों को मिलते है फिकर करने वाले|

इश्क़ करता हूँ

इश्क़ करता हूँ, तक़ाज़ा नहीं कर सकता मैं मेरा दामन है सो मेला नहीं कर सकता मैं इतनी फ़ुर्सत है कि इक दुनिया बना सकता हूँ पर कोई है जिसे अपना नहीं कर सकता मैं |

बटुए को कहाँ मालूम

बटुए को कहाँ मालूम पैसे उधार के हैं … वो तो बस फूला ही रहता है अपने गुमान में …

तेरी नशे वाली आँखों का…

तेरी नशे वाली आँखों का… बड़ा नाम हैं…… आज नजरों से पिला दोहम तो वैसे भी बदनाम है…….

तुम इश्क़ की

तुम इश्क़ की खैरात दे रहे हो मुझे मैं बेवफा से दामन छुड़ा कर आया हूँ।

तेरे कुछ और करीब

तेरे कुछ और करीब आना है मुझको, समझले रकीबो को और जलाना है मुझको….

अंतिम लिबास देखके

अंतिम लिबास देखके घबरा न इस कदर ,, रंगीनियाँ तो देख लीं सादा कफन भी देख..!!

लफ्जो की दहलीज पर

लफ्जो की दहलीज पर ,घायल ज़ुबान है.. कोई तन्हाई से तो कोई, महफ़िल से परेशान है…

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