शिकवा तकदीर का, ना शिकायत अच्छी, वो जिस हाल में रखे, वही ज़िंदगी अच्छी
Tag: Pyar Shayari
सभी के अपने मसाइल
सभी के अपने मसाइल सभी की अपनी अना, पुकारूँ किस को जो दे साथ उम्र भर मेरा…
मैं तेरी कोई नहीं
मैं तेरी कोई नहीं मगर इतना तो बता , ज़िक्र से मेरे, तेरे दिल में आता क्या है ..!!
जरा अपना ध्यान
जरा अपना ध्यान रखना दोस्तो…., सुना है इश़्क इसी मौसम में शिकार करता है|
जो दिल की गिरफ्त में
जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है, मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है, किसी और की बात रास नहीं आती, दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है, मानता है बस दलीले उनकी, ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है, यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है, कि अपनी खैरियत भूल कर… Continue reading जो दिल की गिरफ्त में
अनदेखे धागों में
अनदेखे धागों में, यूं बाँध गया कोई की वो साथ भी नहीं, और हम आज़ाद भी नहीं.
हजारों महफिलें है
हजारों महफिलें है और लाखों मेले हैं, पर जहां तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं|
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से,कुछ हम सादे सादे से, एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से.
पुरानी होकर भी
पुरानी होकर भी खाश होती जा रही है, मोहब्बत बेशरम है, बेहिसाब होती जा रही है..
कुछ इस क़दर
कुछ इस क़दर दिलशिकन थे मुहब्बत के हादसे। हम ज़िन्दगी से फिर कोई शिकवा न कर सके।।