मोहब्बत भी करे

मोहब्बत भी करे और खुश भी रहे… इस नादान दिल की मासूम सी ख्वाहिश…

निकाल दिया उसने

निकाल दिया उसने मुझे अपनी जिंदगी से भीगे कागज की तरह, ना लिखने के काबिल छोड़ा और ना जलने के…

रो लेते हैं

रो लेते हैं कभी कभी, ताकि आंसुओं को भी कोई शिकायत ना रहे।

एहसास ए मोहब्बत

एहसास ए मोहब्बत क्या है ज़रा हमसे पूछो ? करवटें तुम बदलते हो नींद मेरी उड़ जाती है …

लिखकर गज़ल हमने

लिखकर गज़ल हमने मोहब्बत का इजहार किया, वो इतने नादान थे कि हँसकर बोले, एक ओर फरमाईय|

वो मुझे मेहंदी लगे

वो मुझे मेहंदी लगे हाथ दिखा कर रोई, मैं किसी और की हूँ बस इतना बताके रोई!

सजा-ए-मौत

सजा-ए-मौत” मंजुर है, पर अब मोहब्बत नही करनी..

ज़िंदा रहने का

ज़िंदा रहने का…कुछ ऐसा ‘अन्दाज़’ रखो, जो तुमको ना समझे…उन्हें’नज़रंदाज’ रखो.!!

तरीका तो बहुत है

तरीका तो बहुत है खुदकुशि का,ना जाने हमने मोहब्बत ही क्यू चुनी..

ज़िंदगी में याददाश्त

ज़िंदगी में याददाश्त कमज़ोर होना भी कोई बुरी बात नहीं, बड़े बेचैन रहते हैं वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती है..

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