सुबह से ढूंढ रहे थे

सुबह से ढूंढ रहे थे कि कहाँ है सूरज . . . अब नज़र आये हो तो सारा जहाँ रोशन है . . .

उम्र निसार दूं

उम्र निसार दूं तेरी उस एक नज़र पे; जो तू मुझे देखे और मैं तेरी हो जाऊँ.. ।।

कैसी पहेली दे गया

वक्त भी…….. कैसी पहेली दे गया… उलझने सौ……जां अकेली दे गया….

तनहइयो के आलम

तनहइयो के आलम की ना बात करो जनाब; नहीं तो फिर बन उठेगा जाम और बदनाम होगी शराब |

महफ़िलों से दूर

महफ़िलों से दूर तन्हाई में बैठे हो, कुछ यादों से लिपटे, ख्यालों में बैठें हो..

खुद ही मर जाऊँगा

खुद ही मर जाऊँगा मै अपने वक्त पे ऐ इश्क, तू क्यों मेरी जान का दुश्मन बना हुआ है…

जो मिलते हैं

जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब, हम नादान थे, एक शाम की मुलाकात को जिंदगी समझ बैठे..

हम जिसके साथ

हम जिसके साथ वक्त को भूल जाते थे, वो वक्त के साथ हमको भूल गया..

रिश्ते ऐसे बनाओ

रिश्ते ऐसे बनाओ की जिसमें, शब्द कम और समझ ज्यादा हो, झगडे कम और नजरिया ज्यादा हो..

टूट सा गया है

टूट सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नहीं करते..

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