जितनी तकलीफ देनी है

सुन पगली, जितनी तकलीफ देनी है दे, में खुद रो कर तुझे हमेशा हसाऊंगा..

नए कपड़े क्या पहन लिए

चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने तड़प के कहा नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं..

भीड़ इतनी भी न थी..

ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम, शहर में भीड़ इतनी भी न थी.. पर रोक दी तलाश हमने, क्योंकि वो खोये नहीं थे, बदल गये थे…..

कुछ शिकायत जरूरी है

कुछ शिकायत जरूरी है, रिश्तों में ठहराव के लिऐ बहुत चाशनी में डूबे, रिश्ते भी कभी कभी “वफादार” नही होते..

मोहब्बत आज भी

मोहब्बत आज भी करते है एक दूसरे से, मना वो भी नहीं करती और बयां हम भी नहीं करते..

मुझसे मिलने में

मुझसे मिलने में ईक खराबी है, फिर किसी ओर के नही रहोगे तुम..

रिश्ता वही कायम रहता है

रिश्ता वही कायम रहता है जो दिल से शुरू हो, ज़रूरत से नही..

जब भी जरा भी

जब भी जरा भी किसी पर यकीन आया है, मेरे इस दिल को उसी ने दुखाया है..

जरा तमीज़ से

जरा तमीज़ से बटोरना, बुझे दियों को दोस्तों, इन्होंने अमावस की अन्धेरी रात में हमें रौशनी दी थी… किसी और को जलाकर खुश होना अलग बात है, इन्होंने तो खुद को जलाकर हमें खुशी दी थी…

मैंने खाया है

मैंने खाया है चिरागों से इस कदर धोखा, मै जल रहा हूँ सालों से मगर रौशनी नहीं होती…

Exit mobile version