लौट जाती है

लौट जाती है , हर शिकायत लबों पे आ कर मेरी जब बडे मासूम से वो कहतें हैं ,ऐसा मत कहो ना !!

रिश्तो में विश्वास

रिश्तो में विश्वास भले ही कम हो जाए पर अधिकार हमेशा बने रहते है ।

मजबूरियां थी मेरी

क्या खुब…मजबूरियां थी मेरी..अपनी खुशी…को छोड दिया बस उसे खुश देखने के लिए..

हद से बढ़ जाये

हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं.. हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते |

मोहब्बत के लिये

मोहब्बत के लिये अब तेरी मौजूदगी ज़रूरी नहीं यारा ……. ज़र्रे-ज़र्रे में तेरी रूह का अहसास होता है …!!

चुभता तो बहुत

चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह…!!! मगर ख़ामोश रहता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह…!!

ये सर्द शामे

ये सर्द शामे भी किस कदर जालिम हैं, बेशक सर्द हैं फिर भी इनमें दिल सुलगता है|

किसी ने पूछा

किसी ने पूछा कौन याद आता है, अक्सर तन्हाई में, हमने कहा कुछ पुराने रास्ते, खुलती ज़ुल्फे और बस दो आँखें

सुकून गिरवी है

सुकून गिरवी है उनके पास, जिनसे मोहब्बत उधार ली थी…

जागना भी कुबूल है

जागना भी कुबूल है तेरी यादों में रातभर, तेरे अहेसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !!

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