हम ने अक्सर

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में, रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया….

नुमाइश करने से

नुमाइश करने से मोहब्बत बढ़ नही जाती… मोहब्बत वो भी करते है जो इज़हार तक नही करते…

ग़म बिक रहे थे

ग़म बिक रहे थे मेले में ख़ुशियों के नाम पर मायूस हो के लौटे हैं हर इक दुकाँ से हम..

जीवन जीना हो तो

जीवन जीना हो तो दर्पण की तरह जीओ, जिसमें स्वागत सभी का हो लेकिन संग्रह किसी का भी नहीं…

बहुत करीब से

बहुत करीब से अंजान बन के गुज़रे हैं वो…. जो बहुत दूर से पहचान लिया करते थे…..

मौला तू भी

मौला तू भी कमाल करता है। आँखे ब्लैक & व्हाइट देता है। और ख़्वाब रंगीन दिखाता है ।

देखते हैं मेरा

देखते हैं मेरा बुढ़ापा किस के हिस्से में पड़े, मेरे बच्चे कर रहे हैं घर के बटवारे की बात…

अदा-ए-मोहब्बत

अदा-ए-मोहब्बत सजदा-ए-इश्क, नाम कुछ भी हो… मतलब तुम्ही से है|

चलो कायनात बांट लेते हैं

चलो कायनात बांट लेते हैं…. तुम अगले जन्म मेरी, मै जन्मों जन्म तुम्हारा|

तुम्हारी मुस्कान से

तुम्हारी मुस्कान से सुधर जाती है तबियत मेरी…. तुम इश्क़ करते हो या इलाज करते हो….!!

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