तेरी किताब के हर्फ़े, समझ नहीं आते। ऐ ज़िन्दगी तेरे फ़लसफ़े, समझ नहीं आते।। कितने पन्नें हैं, किसको संभाल कर रखूँ। और कौन से फाड़ दूँ सफ़हे, समझ नहीं आते।। चौंकाया है ज़िन्दगी, यूँ हर मोड़ पर तुमने। बाक़ी कितने हैं शगूफे, समझ नहीं आते।। हम तो ग़म में भी, ठहाके लगाया करते थे। अब… Continue reading तेरी किताब के
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आँखों को इंतज़ार की
आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया.. मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया|
जिन्दगी की हर कहानी
जिन्दगी की हर कहानी बेअसर हो जायेगी, हम ना होंगे तो ये दुनिया दर-बदर हो जायेगी।
बहुत गुरुर है
बहुत गुरुर है दरिया को अपने होने पर, जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड जाये।
खामखाह दिल को
खामखाह दिल को तसल्ली देने का बहाना है… इश्क़ वो शै है जो खुदा ने बनायी ही नहीं…
तुम में और आइने में
तुम में और आइने में कोई फर्क नहीं जो सामने आया तुम उसी के हो गए !
कुछ लोग तो
कुछ लोग तो खिलाफ हों हासिद कोई तो हो, क्या लुफ्त सीधी सादी मुहब्बत में आएगा….
संबंध कभी भी
संबंध कभी भी सबसे जीतकर नहीं निभाए जा सकते… संबंधों की खुशहाली के लिए झुकना होता है, सहना होता है, दूसरों को जिताना होता है और स्वयं हारना होता है।सच्चे सम्बन्ध ही वास्तविक पूँजी है।
सोचता हूँ धोखे से
सोचता हूँ धोखे से ज़हर दे दूँ.. सभी ख्वाहिशों को दावत पे बुला कर..
मेरे अकेलेपन का
मेरे अकेलेपन का मजाक बनाने वालों जरा ये तो बताओ, जिस भीड़ में तुम खडे हो,उसमें कौन तुम्हारा है…