इश्क़ नहीं है

इश्क़ नहीं है तुमसे पर जो तुमसे है, उसके लिए कोई लफ्ज़ नहीं है।।

इश्क करना है

इश्क करना है किसी से तो बेहद कीजिए, हदें तो सरहदों की होती है दिलों की नही।।

खता ये हुई

खता ये हुई तुम्हे खुद सा समझ बैठे, जबकि तुम तो तुम ही थे।।

है कोई वकील

है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको।।

होठों की हँसी को न समझ

होठों की हँसी को न समझ हकीकत-ए-जिन्दगी दिल में उतर कर देख कितने उदास हैं हम उनके बिन…!!!

मैं अभी तक समझ नहीं पाया

मैं अभी तक समझ नहीं पाया तेरे इन फैसलो को ऐ खुदा, उस के हक़दार हम नहीं या हमारी दुआओ में दम नहीं !!

बेपरवाह हो जाते है

बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो… जिन्हे कोई उनकी औकात से भी ज्यादा चाहने लगता है…

उसे बेवफा कहकर..

उसे बेवफा कहकर..हम अपनी ही नजरो में गिर जाते..क्यूंकि वो प्यार भी अपना था..और पसंद भी अपनी..

सुना है बहुत बारिश है

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में. ज़्यादा भीगना मत. अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ.. तो बहुत याद आएँगे हम|

वो भी एक वक्त था

वो भी एक वक्त था जब सबसे तेरी ही बातें होती थी, आज कोई तेरा नाम भी ले तो बात बदल देते है हम !!

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