जब भी मिलते हो , रूठ जाते हो , यानी रिश्तों में , जान बाक़ी है |
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वो एक ख़त
वो एक ख़त जो तूने कभी मुझे लिखा ही नहीं…? देख मै हर रोज़ बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ….
हम भी मुस्कराते थे
हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से , देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में..!!
शायरों की बस्ती में
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना । गमों की महफिल भी कितने खुशी से जमती है ।।
मुकद्दर की लिखावट
मुकद्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा हो, देर से क़िस्मत खुलने वालों का दुगुना फ़ायदा हो।
आज फिर रात
आज फिर रात बड़ी नम सी है आज तुम याद फिर बहुत आए|
तेरी तरफ जो
तेरी तरफ जो नजर उठी वो तापिशे हुस्न से जल गयी तुझे देख सकता नहीं कोई तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं|
तेरा हुस्न एक जवाब
तेरा हुस्न एक जवाब,मेरा इश्क एक सवाल ही सही तेरे मिलने कि ख़ुशी नही,तुझसे दुरी का मलाल ही सही तू न जान हाल इस दिल का,कोई बात नही तू नही जिंदगी मे तो तेरा ख़याल ही सही|
लोग हर मोड़ पे
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं
वो ढूंढते रहे इधर उधर
वो ढूंढते रहे इधर उधर शायद उन्हें हमारी तलाश थी पर अफ़सोस जिस जगह पर थे उनके कदम उसी कब्र में हमारी लाश थी …