दिलों में रहता हूँ

दिलों में रहता हूँ धड़कने थमा देता हूँ मैं इश्क़ हूँ, वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूँ

मैं तुझे चांद कह दूं

मैं तुझे चांद कह दूं ये मुमकिन तो है मगर लोग तुझे रात भर देखें ये गवारा नहीं मुझे|

मंजिल मिल ही जायेगी

मंजिल मिल ही जायेगी, भटकते हुए ही सही.. गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं।

वो जिसकी याद मे

वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी। वो शख्श आज मुझको गरीब कह के चला गया ।।

फिर पलट रही है

फिर पलट रही है बारिशों की सुहानी शामें ,फिर तेरी याद में भीगने के ज़माने आये हैं ..

दिल तो कोई भी

दिल तो कोई भी बहला देता है,हुज़ूर को दिल दुखाने वाले पसंद हैं!

सिर्फ इतना उसे बता देना…

सिर्फ इतना उसे बता देना……! मुझे आता नहीं भुला देना…

लोगो ने कुछ दिया

लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ !! ऐ खुदा… एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला ..

अजीब हैं इस दुनिया का

अजीब हैं इस दुनिया का दस्तूर… लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते, जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं..!

न जाने किसका

न जाने किसका मुक़द्दर संवरने वाला है वो किताब में एक चिट्ठी छुपा के निकली है|

Exit mobile version