ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….

ऐ ग़ालिब तू शोर न कर…. रजामंद तुझे भी किया जायेगा…. फरमाईस बता तेरी क्या है पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..

कोई ढूंढ लाओ उसको

कोई ढूंढ लाओ उसकोवापस मेरी ज़िन्दगी में… ज़िन्दगी अब साँसे नहीं,उसका साथ मांग रही है…

जो निखर कर

जो निखर कर बिखर जाये वो “कर्तव्य”है…! और जो बिखर कर निखर जाए वो “व्यक्तित्व” हैं…!

ईश्वर जिन्हे खून के रिश्ते में

ईश्वर जिन्हे खून के रिश्ते में बाँधना भूलजाता है उन्हें दोस्त बना देता है ……..

हवा के हौसले

हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है|

किसी दिन प्यास के बारे में

किसी दिन प्यास के बारे में उससे पूछिये… जिसकी कुएँ में बाल्टी रहती है रस्सी टूट जाती है…!

दरख्ते नीम हूँ मैं

दरख्ते नीम हूँ मैं, मेरे नाम से घबराहट तो होगी … छाँव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कडवाहट तो होगी ….

जिंदगी पर बस

जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं… बहुत मजबूत रिश्ते थे मेरे,,, पर बहुत कमजोर लोगों से…

तेरे ख्याल में

तेरे ख्याल में ही गुजर गयी…… वो जो उम्र बड़े काम कि थी…

कहीं धब्बा न लग जाये

कहीं धब्बा न लग जाये तेरी बंदानवाजी पर, मुझे भी देख मुद्दत से तेरी महफिल में रहते है।

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