अंजान अगर हो तो गुज़र क्यों नहीं जाते… पहचान रहे हो तो ठहर क्यों नहीं जाते
Tag: Hindi Shayri
बस मुस्करा दो
बस मुस्करा दो, तबियत ख़ुश हो जाती है मेरी; सारे शहर में ढूँढ लिया, हकीम तुम सा नहीं|
कुछ न कुछ
कुछ न कुछ तो है उदासी का सबब… अब मान भी जाओ की याद आते है..हम…
मत कर हिसाब
मत कर हिसाब तू मेरी मोहब्बत का. वरना.. ब्याज में ही तेरी जिन्दगी गुजर जाएगी.
जो उनकी आँखों से
जो उनकी आँखों से बयां होते हैं, वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।
वो ख्याल क्यों तेरे!
किताब मेरी, पन्ने मेरे और सोच भी मेरी; फिर मैंने जो लिखे वो ख्याल क्यों तेरे!
गीली आँखों का
गीली आँखों का दर्द कुछ ख़फ़ा सा है…ये जो सीने में धड़कता है बेवफ़ा सा है…
बहुत अलग सा है
बहुत अलग सा है मेरे दिल का हाल; एक तेरी ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल!
पहले भी था
पहले भी था अब भी है इश्क़ हमारा बाग़ का चौकीदार हो गया|
खूबसूरती न सूरत में है
खूबसूरती न सूरत में है न लिबास में…. निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें|