हँसी यूँ ही नहीं आई है

हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर…..कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने

जिसके लिए लिखता हूँ

जिसके लिए लिखता हूँ आज कल वो कहती हैं अच्छा लिखते हो… उनको सुनाऊँगी….

मैं इस दिल में

मैं इस दिल में सबको आने देता हूँ , पर कभी शक मत करना क्युकि जहाँ तुम रहती हो वहाँ में किसी को जाने भी नहीं देता…!!

कोई ढूंढ लाओ उसको

कोई ढूंढ लाओ उसकोवापस मेरी ज़िन्दगी में… ज़िन्दगी अब साँसे नहीं,उसका साथ मांग रही है…

जो निखर कर

जो निखर कर बिखर जाये वो “कर्तव्य”है…! और जो बिखर कर निखर जाए वो “व्यक्तित्व” हैं…!

हवा के हौसले

हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है|

किसी दिन प्यास के बारे में

किसी दिन प्यास के बारे में उससे पूछिये… जिसकी कुएँ में बाल्टी रहती है रस्सी टूट जाती है…!

तेरे ख्याल में

तेरे ख्याल में ही गुजर गयी…… वो जो उम्र बड़े काम कि थी…

कर दुनिया की तरफदारी

कर दुनिया की तरफदारी हम , खुद के खिलाफ हो बैठे हैं ।

कोई लफ्ज़ मुहब्बत का

कोई लफ्ज़ मुहब्बत का, बता दे ऐ दोस्त जो फ़रेब की चादर से लिपटा ना हो…..!!

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