मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ   कभी चुपके से चला आऊँ तेरी खिलवत में और तुझे तेरी निगाहों से बचा कर देखूँ   मैने देखा है ज़माने को शराबें पी कर दम निकल जाये अगर होश में आकर देखूँ   दिल का मंदिर बड़ा… Continue reading मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे कि अपनो में भी काश कोई अपना होता…

ईद में सैंवई

ईद में सैंवई, दिवाली में गुजिये, क्रिसमस में केक अपनी जुबां को मैंने,हर मज़हब की तालीम दी है..!!

मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है

मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है , लेकिन धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता .. ..

आज नहीं तो कल हो जायेगा

आज नहीं तो कल हो जायेगा, मसला दिल का हल हो जायेगा..!! तेरा साथ मिलने की देर है बस, मेरा कमरा भी ताजमहल हो जायेगा..

जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है

जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है । न जाने क्यों वह रात बड़ी देर से गुजरती है !!

लकीरे है तो रहने दो

लकीरे है तो रहने दो किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खीच दी थी, इन्ही को अब बनायो पाला और आयो कबड़ी खेलते है,

उनकी ही बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर

उनकी ही बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर.. इधर को देखना, देना उधर को पैमाने..!

यह दमकता हुआ चेहरा

“यह दमकता हुआ चेहरा, यह नशीली आंखें.. चाँदनी रात में मैखाना खुला हो जैसे..!”

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