मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है? रोते हैं जलाने वाले
Tag: शर्म शायरी
हसरतें मचल गयी
हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए; सोचो दीवानगी तब क्या होगी,जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए…..
कुछ पाने की
कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में वरना जीने का क्या फायदा…
क्यो नही मिलता
क्यो नही मिलता कोई शक्स अपने जैसा यूँ तो इस दुनिया में क़िरदार बहुत है…
अब तुमको भूल
अब तुमको भूल जाने की कोशिश करेंगे हम… … तुमसे भी हो सके तो ना आना, मेरे ख्यालों में !
बहुत देता है
बहुत देता है तू उसकी गवाहियाँ और उसकी सफाईया समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका वकील !!!
दिल की उम्मीदों का
दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो, इन्तजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं.!!!
हमको टालने का
हमको टालने का शायद तुमको सलीका आ गया. . . बात तो करते हो लेकिन,अब तुम अपने नहीं लगते !!
बिछड़ने के कोई कायदे
बिछड़ने के कोई कायदे कानून तो होने चाहिए…. ये क्या हुआ — दिल खाली था तो रहने लगे दिल भर गया तो चल दिए …
हमने टूटी हुई शाख
हमने टूटी हुई शाख पर अपना दर्द छिड़का है … … फूल अब भी ना खिले तो, क़यामत होगी ।