सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता, जितना एक बार महबूब के गले लग कर मिलता है….!!
Tag: व्यंग्य
इश्क़ वो नहीं
इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे…. इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!
सच्चे इश्क में
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा एहसास की एहमियत होती है।
ज़ख़्मों के बावजूद
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख…. तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
शोहरत की आरज़ू
शोहरत की आरज़ू ने किया बेवतन हमें, इतनी बढ़ी ग़रज़ कि उसूलों से हट गए।
मुझे भी बुला लेना
तुम दुआ के वक़्त जरा मुझे भी बुला लेना… दोनों मिलकर एक दूसरे को मांग लेंगे…
हुनर सीख लो
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,.. … सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं.
प्यास तो मर कर भी
प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की, मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है”..
अपनी यादों को ज़रा
समझा दो तुम, अपनी यादों को ज़रा… … वक़्त बे-वक़्त तंग करती हैं मुझे, कर्जदारों की तरह ।
मिन्नते फकिरो से
में करता हुं मिन्नते फकिरो से अकसर…….. …. जो ऐक पैसे में लाखो की दुआ दे जाते है…!!