किसी की आस बनकर फिर उसे तन्हा नहीं करते, भले कितना ही मुश्किल हो, सफर छोङा नहीं करता..
Tag: व्यंग्य
मोहब्बत तो पाक थी
मोहब्बत तो पाक थी है और रहेगी शर्मिंदा तो इसे खोखले रिवाज़ों और दोगले लोगों ने कर रखा है
मुझे भी आरक्षण चाहिए
मुझे भी आरक्षण चाहिए इश्क की इस दुनिया में ! पेशा मुहब्बत है और जात से आशिक हूँ..!
दिखावे की मोहब्बत
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर…,, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी !!
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे मगर, हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो….!!
कोई इल्ज़ाम रह गया
कोई इल्ज़ाम रह गया हैं, तो वो भी दे दो हम तो पहले से बुरे थे, अब थोड़े और सही..
अहसास की शिद्दत
नजदीक आ के देख मेरे अहसास की शिद्दत, ये दिल कितना धड़कता है, तेरा नाम आने पर
मोहब्बत का शोर
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर , मेरे दिल को बनाए कितना विभोर , मैं जब भी उसे अपने कानों में दोहराती , तेरी कसम , तेरे नज़दीक और आती , बहुत आशिकाना था वो एक शोर , वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर । वो रातों की तन्हाई का एक नज़ारा , जिसमे दोनों का दिल… Continue reading मोहब्बत का शोर
कभी नीम सी
कभी नीम सी जिंदगी ।। कभी नमक सी जिंदगी ।। मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।। एक शहद सी जिंदगी ।। कभी पत्थर सी जिंदगी ।। कभी काँटों सी जिंदगी ।। मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।। एक मुलायम सी जिंदगी ।। कभी तपती सी जिंदगी ।। कभी गीली सी जिंदगी ।। मैं ढूंढता रहा उम्रभर ।।… Continue reading कभी नीम सी
यादे पुरानी रह गयी
तेरी मुहब्बत अब बस कहानी रह गयी शहर छूट गया यहाँ यादे पुरानी रह गयी कोई पूछे जो “सोनी” की खैरियत तो , कहना वह दीवाना था और उस की दीवानगी रह गयी