गीली आँखों का दर्द कुछ ख़फ़ा सा है… ये जो सीने में धड़कता है बेवफ़ा सा है…
Tag: व्यंग्य
हर अल्फाज दिल का
हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो, कोन जाने कोन सी शायरी आखरी हो जाये|
हर अल्फाज दिल का
हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो, कोन जाने कोन सी शायरी आखरी हो जाये|
आशियाने बनें भी
आशियाने बनें भी तो कहाँ जनाब… जमीनें महँगी हो चली हैं और दिल में लोग जगह नहीं देते..!!
आँधियाँ हसरत से
आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रह गईं, बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर झुकने का था…
मत पूछो कैसे गुजरता है
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना, कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !!
रात के बाद
रात के बाद सहर होगी मगर किस के लिए हम ही शायद न रहें रात के ढलते ढलते |
बस इतनी सी
बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है ! हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…!!!
सितारे सा टूट कर
सितारे सा टूट कर गिरूँगा कहीं एक दिन, पर तेरी सारी ख्वाहिशें पूरी करके जाऊँगा !!
किसी और का हाथ
किसी और का हाथ कैसे थाम लूँ, वो तन्हा मिल गया कभी तो क्या जवाब दूँगा…!!