दौड़ती भागती दुनिया का

दौड़ती भागती दुनिया का ये ही तोहफा है… खूब लुटाते रहे अपनापन , फिर भी लोग खफा है ..!!

अंग्रेजी की किताब

अंग्रेजी की किताब बन गयी हो तुम…….. . पसंद तो बहुत आती हो पर समझ नही आती हो…

मुझसे मोहब्बत में

मुझसे मोहब्बत में सलाह मांगते है लोग… तेरा इश्क़ मुझे ये तजुर्बा दे गया…

फैंसला ये है की

फैंसला ये है की अब आवाज नहीं देनी किसी को… हम भी देखे कौन कितना तलबगार है हमारा…

सिर्फ ख़ुशी में

सिर्फ ख़ुशी में आना तुम. अभी दूर रहो थोड़ा परेशां हूँ मैं ..

बेवजह दीवारों पर

बेवजह दीवारों पर इल्ज़ाम है, बँटवारे का, लोग मुद्दतों से एक कमरे में अलग-अलग रहते हैं…..

जगह ही नहीं है

जगह ही नहीं है दिल में अब दुश्मनों के लिए, कब्ज़ा दोस्तों का कुछ ज्यादा ही हो गया है !!

ऐसे माहौल मे…

ऐसे माहौल मे…दवा क्या है..?दुआ क्या है..?? जहा कातिल ही… खुद पूछें..हुआ क्या है..?हुआ क्या है

वो रखती है

वो रखती है खुद को सबसे छुपाकर .. शायद वो भी खुद को अमानत समझती है मेरी।

इस तरह ज़िन्दगी में

इस तरह ज़िन्दगी में मुझे तेरा साथ चाहिये, जैसे बच्चे को भीड़ में एक हाथ चाहिए.

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