मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं

मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं यारों..!!! इंसान को देखना नहीं बस समझना सीखो..!!!

कुछ देर तो हँस लेने दो

कुछ देर तो हँस लेने दो मुझे…. हर पल कहाँ उसे मैं भूल पाता हूँ….

बेवजह दीवार पर

बेवजह दीवार पर इल्जाम है बँटवारे का लोग मुद्दतों से एक कमरे में अलग रहते हैं।

इस शहर में

इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं होठों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं|

उन चराग़ों में

उन चराग़ों में तेल ही कम था क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे|

खो गई है मंजिलें

खो गई है मंजिलें, मिट गए हैं रस्ते, गर्दिशें ही गर्दिशें, अब है मेरे वास्ते |

ख़्वाबों को इश्क़ का

ख़्वाबों को इश्क़ का एक जहाँ देते है, चलो के अब नींद को आँखों में पनाह देते है…

बदन तो खुश हैँ

बदन तो खुश हैँ खुद पर रेशमी कपड़ो को पाकर मग़र ज़मीर रो रहा हैं की मैं बिक गया कैसे…..

दरख्ते नीम हूँ मैं

दरख्ते नीम हूँ मैं, मेरे नाम से घबराहट तो होगी … छाँव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कडवाहट तो होगी ….

ख़ुद की साजिशो में

ख़ुद की साजिशो में उलझा हुआ ….आज बहुत अकेला सा लग़ा खुद को…

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